रमजान को इबादत का महीना कहा जाता है। इस दौरान इबादत करने वाले शख्स की ख्वाहिश अल्लाह पूरी करता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नवां महीना रमजान का होता है। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीना रोजा रखते हैं।
रमजान में क़ुरान पूरा कम्पलीट 13 साल में उतरा है | इसलिए रमज़ान को पाक महीना माना जाता हैं |
'रमजान' अरबी मूल के R-M-D या 'Ramad' से लिया गया है, जिसका अर्थ है "सूर्य द्वारा तीव्रता से गर्म किया जाना"।
रोजेदार पूरे दिन बिना कुछ खाए पिए रहते हैं और फज़र की नमाज़ से पहले सेहरी करते है और मग़रिब की नमाज़ से पहले अफ्तार है |
अल्लाह के पाक नबी ने खजूर से रोज़ा खोलने को बोला है इस लिए ज़्यादातर मुसलमान खजूर से रोज़ा खोलते है |
बुराई से दूर रहना चाहिए, उन्हें न तो झूठ बोलना चाहिए, न पीठ पीछे किसी की बुराई करनी चाहिए और न ही लड़ाई झगड़ा करना चाहिए।
रमज़ान पुरे होने के अगले दिन ईद बनाई जाती सभी मुसलमान नए कपड़े पहनकर मस्जिदों और ईदगाह में जाते हैं।
ईद रमज़ान के रोज़े मुकम्मल होने की ख़ुशी में मनाई जाती हैं ईद अगर रमज़ान के 29 रोज़े में अगर चाँद दिख जाता है तो अगले दिन बनाई जाती बर्ना 30 रोज़े पुरे करने के बाद ईद बनाई जाती है | ईद मुबारक का मतलब होता है खुशियां बाँटना |
रमज़ान इस बार Monday, 12 April 2021 या Tuesday, 13 April 2021 को है |
रमज़ान के महीने में क़ुरान नाज़िल हुआ पूरी दुनिया की रेहमत के लिए | रमज़ान इस्लामिक केलिन्डर का नोबा महीना है | अल्लाह के नबी रसुल्लाह ने बताया है रोज़ा के ज़रिये अल्लाह को राज़ी करना |
रमज़ान एक इबादत का तरीका 5 इबादत के जो इस्लाम के 5 बुनियादी सिंद्धांत में से एक है | हर नबीओ क़ौम ने अपनी कौम को बोला है रोज़े रखने का उसी तरह आखिरी नबी ने भी अल्लाह के राज़ी करने के लिए पूरी दुनिआ को रास्ता बताया है रमज़ान के जरिये अपने गुनाह की तोबा करने और अच्छी चीज़े ज़िन्दगी में लाना और बुराई को छोड़ना | रोज़े के जरिये इंसान अपने बुराई पे काबू करता है और लोगो पे रेहम का मामला अपनाता है |
अरबी वर्ष का नवाँ महीना है, रोज़ा का महीना है।
इस लेख, में हमने जाना रमजान क्या है रोजा क्यों मनाया जाता है रमजान से जुड़ी है और भी कई खास बातें जाने, ये लेख आपको कैसा लगा हमे बताने के लिए हमसे संपर्क करे
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